शिफाली ने खुद एक पुराने इंटरव्यू में बताया था कि यह गाना उनके पास एक संयोग की तरह आया था। 2020 में रेडिफ को दिए एक इंटरव्यू में उन्होंने बताया, “मैं कॉलेज के बाहर बस चिल कर रही थी, तभी निर्देशक राधिका राव और विनय सप्रू ने मुझे देखा और मुझे इस गाने का ऑफर दिया। मैंने तो इसे बस जेब खर्च के लिए किया था, लेकिन उसी ने मेरी पूरी जिंदगी बदल दी।” उन्होंने आगे कहा था, “वे मेरी परी-सी गॉडमदर्स थीं, जिन्होंने आकर मुझे एक साधारण लड़की से एक स्टार बना दिया।”
निर्देशकों ने दी अंतिम श्रद्धांजलि, ‘कांटा लगा’ को किया हमेशा के लिए रिटायर
उनकी मौत के बाद गाने के निर्देशक राधिका राव और विनय सप्रू ने भी एक भावुक पोस्ट शेयर कर उन्हें अंतिम श्रद्धांजलि दी। उन्होंने इंस्टाग्राम पर लिखा, “कल प्रार्थना सभा थी… अंतिम विदाई… और हमारी पहली फोटोशूट की यादें… कांटा लगा की सीडी इनले कार्ड के साथ।”
उन्होंने यह भी साफ किया कि अब ‘कांटा लगा’ गाने का कोई सीक्वल नहीं बनेगा। “तुम हमेशा कहती थीं कि तुम ही ‘कांटा लगा गर्ल’ रहना चाहती हो। इसलिए हमने कभी सीक्वल नहीं बनाया – और अब कभी बनाएंगे भी नहीं। हम कांटा लगा को हमेशा के लिए रिटायर कर रहे हैं। यह हमेशा तुम्हारा था… और हमेशा तुम्हारा रहेगा… शिफाली… रेस्ट इन पीस।”
एक युग, जो अब स्मृतियों में रह गया
शिफाली जरीवाला का जाना सिर्फ एक कलाकार का जाना नहीं है, बल्कि हमारे यंगस्टर दिनों की यादों, म्यूज़िक चैनलों पर नाचते लम्हों और दोस्तों के साथ दोहराए गए स्टेप्स का अंत है। उन्होंने सिर्फ एक गाने से अपनी ऐसी छाप छोड़ी, जो दशकों तक मिटाई नहीं जा सकी और अब भी नहीं मिटेगी।
Disclaimer: यह लेख श्रद्धांजलि स्वरूप लिखा गया है। दी गई जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स और सोशल मीडिया पोस्ट्स पर आधारित है। किसी भी आधिकारिक पुष्टि के लिए कृपया संबंधित स्रोतों से संपर्क करें।
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